कार्यरत नियोजित शिक्षकों का रिजल्ट पहले हो सकता है जारी।
मंथन इस बात को लेकर की यदि कार्यरत नियोजित शिक्षकों को अपने पद से अलग फ्रेश योगदान कराया जायेगा तो एक जगह का पद खाली हो जायेगा। साथ ही फ्रेश अभ्यर्थी के साथ 15 वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों का रिजल्ट प्रकाशित किया जाता है और योगदान कराया जाता है, तो कई तरह के नए समस्याओं से जूझना पड़ेगा -
• कार्यरत नियोजित शिक्षक नए विद्यालय में योगदान कर लेंगे। इससे उस विषय का पद रिक्त हो जाएगा और इस रिक्त पद को भरने के लिए नए सिरे से पूरी बहाली प्रक्रिया को अपनाना होगा। ये कभी खत्म नहीं होने वाला अनवरत प्रक्रिया हो जाएगा।
• आयोग द्वारा निर्धारित क्वालीफाइंग अंक प्राप्त करने वाले कार्यरत नियोजित शिक्षकों से चॉइस को यदि उसी विद्यालय में बीपीएससी विद्यालय अध्यापक का दर्जा दे दिया जाता है और कार्यरत विद्यालय में ही छोड़ दिया जाता है तो इससे अधिक से अधिक फ्रेश अभ्यर्थियों को बहाल होने का मौका मिलेगा तथा विद्यालय में पद भी रिक्त नही होगा।
- कार्यरत नियोजित शिक्षकों से चॉइस भरा कर जिला एवं अपने पद से उच्यस्थ पद के लिए यदि लागू हो तो जिला और स्कूल पोस्टिंग का लाभ दिया जा सकता है।
- शिक्षकों के पोस्टिंग होने से जो पद रिक्त हो जाएगा उसे इसी प्रथम चरण के रिक्ति के साथ जोड़ कर कुल रिक्त पदों के लिए नए फ्रेश अभ्यर्थियों का रिज़ल्ट दिया जा सकता है।
- ऐसा करने से विद्यालयों में अधिकांश रिक्त पदों को योग्य शिक्षक मिल जाएंगे।
क्यों असमंजस में हैं नियोजित शिक्षक?
विभागीय पत्रों और समाचार पत्र की मानें तो बीपीएससी विद्यालय अध्यापक परीक्षा परिणाम शीघ्र जारी किया जाएगा। इस परीक्षा परिणाम से जहां नए शिक्षक अभ्यर्थियों (नियोजित शिक्षकों को छोड़कर) में रिजल्ट को लेकर उत्सुकता और बेसब्री से इंतजार है। वहीं कार्यरत नियोजित शिक्षकों में इस परिणाम को लेकर खुशी या उत्सुकता के बजाय असमंजस की स्थिति बन गया है।
कार्यरत नियोजित शिक्षकों के भीतर की बैचेनी निम्न कारण है -
• संघ संगठनों द्वारा सरकार के विरोध में "कार्यरत नियोजित शिक्षक बीपीएससी फॉर्म नहीं भरें।" के निर्देश के वाबजूद ये नियोजित शिक्षक सरकार का साथ दिए और फॉर्म को भरे।
• फॉर्म भरने वाले नियोजित शिक्षकों को NOC नियोजन इकाई से लेना था। जिस सूची को सभी संघ ने कार्यालय से प्राप्त कर लिया है और संघ के अहवाहन के विरोध और सरकार के पक्ष में फॉर्म भरने वाले नियोजित शिक्षकों को संघ से निष्कासित किया जा रहा है।
• अपमान की बात: ये नियोजित शिक्षकों का परीक्षा अलग नहीं होकर फ्रेश अभ्यर्थियों (जो इनके शिष्य रहे हैं) के साथ आयोजित किया गया। एक ओर 15 वर्ष कार्य अनुभव वाले नियोजित शिक्षक और दूसरी ओर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे फ्रेश अभ्यर्थी।
• परीक्षा, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में इन कार्यरत नियोजित शिक्षकों को कोई प्राथमिकता नहीं दिया गया। यहां तक कि सभी अपने आकस्मिक अवकाश की छुट्टी लेकर विद्यार्थी के साथ पंक्ति में घंटो खड़े होकर डॉक्यूमेंट वेरिफाई करवाए। जबकि इन सबों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कई बार नियोजन से लेकर निगरानी विभाग के द्वारा किया जा चुका है।
• बीपीएससी के परिणाम के बाद "न घर के रहे, न घाट के" लोकिक्ति सत्य हो जायेगी।
• इन नियोजित शिक्षकों को कोई प्राथमिकता योगदान में, जिला चयन या विद्यालय चयन में नहीं मिल पाएगा।
• वैसे शिक्षक को घर के पास के विद्यालय में पदस्थापित हैं। बीपीएससी शिक्षक बनने में घर से कई किलोमीटर दूर पदस्थापित हो जाएंगे। बाद में स्थानांतरण के लिए हल्ला, आंदोलन करते रहेंगे। संघ से भी कोई सहयोग नहीं मिलेगा।
• जिस विद्यालय से जाएंगे वहां उस विषय के शिक्षक के लिए बीपीएससी तीसरे चरण में बहाली कर पाएगी।
विभाग/आयोग के निम्न बातों से सबों की बल्ले-बल्ले-
• कार्यरत नियोजित शिक्षक जो आयोग द्वारा निर्धारित क्वालीफाइंग अंक प्राप्त करते हैं उनका रिजल्ट अलग से सबसे पहले प्रकाशित कर उसी विद्यालय में बीपीएससी अध्यापक का दर्जा दे देना चाहिए।
इससे पद रिक्त भी नहीं होगा और विद्यालय में अधिकतम रिक्त पदों को परीक्षा देने वाले फ्रेश अभ्यर्थियों से भरा जा सकेगा।
• सरकार जो विद्यालय में जल्द से जल्द रिक्त पर योग्य शिक्षकों को पदस्थापित करना चाहती है वह संभव हो सकेगा।
• यदि उक्त प्रावधान नहीं किया गया तो कार्यरत नियोजित शिक्षक फ्रेश बहाली से बहाल होंगे और उनका पद खाली हो जायेगा जिसको भरने के लिए फिर से पूरी प्रक्रिया को अपनाना होगा। ये राउंड एंड राउंड अनवरत चलता रहेगा।
सरकार को विचार ग्रहण करना चाहिए।
ReplyDeleteबिलकुल
ReplyDeleteBilkul sahi bat hai sir 🙏🙏🙏🙏🙏, mai इस बात का समर्थन करता हूँ love you sir, काश ऐसा हो जाये
ReplyDeleteJo pehle se purane teacher karyrat hai, jiske jyadatar sangh me hai, unlogo ki sallery already utna hai, jitna bpsc wake ko milega, isliye Jo nye karyrat teacher bhare hain, unse dikkat nahi hona chahiye
ReplyDeleteलेकिन जो लोग अपने जिला से दूर दूसरे जिला में कार्यरत हैं उनको अपने जिला में जाने का मौका कैसे मिलेगा ?
ReplyDeleteनियोजित शिक्षकों को वहीं छोड़ना शायद जायज नहीं होगा,बल्कि इस चरण की जो प्रक्रिया सरकार या आयोग के द्वारा बनाया गया है ,उसके अनुकूल बहाली होनी चाहिए।
ReplyDeleteRight sir
ReplyDeleteमिनिमम क्वालीफाइंग मार्क्स का तर्क न्याय संगत नही है लेकिन और सभी बातें पे सरकार को विचार करना चाहिए।
ReplyDeleteStudent ke bare me bhi sochna chahiye jo abhi tak jis niyojit ke bharose aaye or unke jane ke bad kya hoga.Exam ka time aa gaya.
ReplyDeleteniyojit agar pass ho jate hai to unko usi school me bariyata ke sath rakha Jana chahiye
ReplyDeleteBilkul sahi
ReplyDeleteशिक्षा विभाग/सरकार को नियोजित शिक्षको
ReplyDeleteको विद्यालय चयन, जिला चयन या पुर्व के विद्यालय में ही रहने की प्राथमिकता देनी चाहिए
सेवा में
ReplyDeleteश्रीमान कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव
निदेशक, माध्यमिक शिक्षा
शिक्षा विभाग, बिहार सरकार
विषय- बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 में संशोधन के लिए
महाशय,
उपरोक्त विषय के संदर्भ में यह सूचित करना है कि वर्तमान में शिक्षक नियमावली 2023 में इस बात का भी जिक्र है साथ ही बिहार सरकार के सत्ता दल मंत्री परिषद के कई सदस्यों द्वारा भी यह प्रेस/मीडिया में इस बात का जिक्र किया जा चुका है कि वैसे नियोजित शिक्षक जिन्हें राज्यकर्मी बनना है वे BPSC द्वारा अगस्त में आयोजित शिक्षक भर्ती में भाग ले सकते हैं। साथ ही उस एग्जाम में पास होने पर उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जायेगा।
नियमावली 2023- अधिसूचना
बिहार गजट
दिनांक-10/04/2023
के मुख्य बिंदु -नियुक्ति की प्रक्रिया
(8):- *पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक इस संवर्ग में नियुक्ति के लिए नियम -7 में अंकित नियुक्ति की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र होंगे। इस सम्बंध में आवश्यकता अनुसार प्रक्रिया का निर्धारण राज्य सरकार के द्वारा अलग से किया जा सकेगा।*
अनुरोध:- BPSC द्वारा अगस्त में आयोजित परीक्षा जिसमे नियोजित शिक्षकों ने राज्यकर्मी बनने के लिए भाग लिया है। उनका वर्तमान में चल रहे बीएड vs डीएलएड अथवा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से कोई सम्बंध नही क्योंकि को विद्यालय में पहले से कार्यरत है। उन्होंने सिर्फ राज्यकर्मी बनने के उद्देश्य से इतने कठिन स्तर के परीक्षा में भाग लिया है। अतः श्रीमान बीपीएससी परीक्षा में भाग लेने वाले सभी नियोजित शिक्षक का अलग से रिजल्ट प्रकाशित हो और पास होने वाले सभी शिक्षक को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाये।
इस विषय पर ध्यानाकर्षण करना चाहूंगा कि आज दिनांक-11/10/2023 को विभाग द्वारा विशिष्ट शिक्षक बनने हेतु जो प्रारूप जारी किया गया है उसमें भी यह जिक्र है कि विभाग द्वारा किसी भी आयोग अथवा एजेंसी द्वारा एग्जाम पास होने पर विशिष्ट शिक्षक का दर्जा दिया जायेगा।
अतः श्रीमान से आग्रह है कि वैसे नियोजित शिक्षक जो BPSC द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती में निर्धारित क्वॉलिफाइंग अंक प्राप्त करते हों उन्हें पूर्व के अनुभव को अक्षुण्ण रखते हुए विशिष्ट शिक्षक/राज्यकर्मी का दर्जा देने कि कृपा करें। ताकि जॉब में रहते हुए उसकी तैयारी व्यर्थ ना हो और समाज मे सम्मान प्राप्ति हो सके। इसके लिए हम सभी नियोजित शिक्षक श्रीमान तथा बिहार सरकार के सदा आभारी रहेंगे।
विश्वासभाजन
बीपीएससी प्रतिभागी नियोजित शिक्षक
आपकी बात सत्य है और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए
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